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इतिहास स्याही से नहीं रक्त से लिखा जाता है। जुल्मी अंग्रेजों व मुगलों से मुक्ति दिलाने के लिए हमारे वीर पुरखों ने प्रयास और सा संघर्ष किया। आज धन्य हुई झारखण्ड की वीर भूमि, धन्य हुए हमसब। गौरवान्वित हुई इस धरा की माटी जिससे वीर शहीदों की प्रतिमा को आकार दिया जाएगा। सभी शहीदों को करबद्ध नमन। नमन सुभाष चंद्र बोस को जिनकी आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों से लोहा लिया। नहीं तो आजादी मिलने में हमें एयर समय लगता। आज उनकी जयंती पर इस पुनीत कार्य हो रहा है। आइये जय हिंद के नारों से पूरे परिसर को गुंजित कर दें। यह हमें जोडने की प्रेरणा देता है। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही। दास बुधवार को मोरहाबादी मैदान में झारखण्ड के वीर शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में पावन मिट्टी संग्रहण कार्यक्रम में बोल रहे थे। दास ने कहा कि आजादी के बाद से राज्य के वीर शहीदों का नाम काली स्याही से मिटाने का प्रयास किया गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा राज्य सरकार उनकी प्रतिमा भी बनाएगी और उनकी वीर गाथाओं को स्वर्ण अक्षर से विश्व पटल पर अंकित भी करेगी। 

पहली बार लाल किला से गुंजा बिरसा आबा का नाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से पूर्व की केंद्र सरकार और झारखण्ड नामधारी पार्टियों ने इन वीर शहीदों के नाम पर राजनीति कर मत पेटी और अर्थ पेटी भरने का काम किया। लेकिन पहली बार लाल किला से प्रधानमंत्री ने बिरसा आबा भगवान बिरसा मुंडा को नमन किया। राज्य के वीर शहीदों की प्रतिमा निर्माण हेतु 25 करोड़ की राशि दी ताकि ऐसे वीर शहीदों की वीर गाथाओं से आनेवाली पीढ़ी प्रेरणा ले सके। राज्य सरकार 1857 में शहीदों की प्रतिमा का भी निर्माण बिरसा मुंडा कारागार स्थित संग्रहालय में करेगी। 

आने वाली पीढ़ी की अपनी परंपरागत संस्कृति सौंपे
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को विखंडित करने वाली शक्तियां जागृत हैं। आदिवासी समाज को इससे प्रभावित हुए बिना रहना है। अपनी संस्कृति को सम्मान देते हुए बचा कर रखना है। ताकि आने वाली पीढ़ी को आदिवासी समाज परंपरागत संस्कृति सौंप सके। राज्य सरकार आपके साथ हर कदम पर है। 
वर्त्तमान सरकार के रहते कोई आपकी जमीन नहीं छीन सकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना में जन चौपाल के दौरान मैंने पूछा कि क्या सरकार ने आपकी जमीन छीनी तो एक महिला ने कहा कि नहीं छिनी। लेकिन एक पार्टी के लोगों ने ऐसा कहा था। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं वर्त्तमान सरकार के रहते कोई आपकी जमीन नहीं छीन सकता। आदिवासी कल्याण के लिए आदिवासी विकास समिति का गठन किया गया है, जिसके तहत 5 लाख रुपए गांव के विकास हेतु दिया जाएगा। सात ही 1200 आदिवासी गांव में पेयजल हेतु पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि गांव की माँ बहन को पानी के लिए परेशान ना होना पड़े। 

पूरा झारखण्ड आज गौरवान्वित है
केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ राज्य के शहीदों का बड़ा योगदान रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास से ऐसे वीरों को सम्मान देने के लिए उनकी प्रतिमाओं का एक साथ भव्य निर्माण हो रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है।

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आजादी की सांस ले रहें हैं यह वीर शहिदों की देन है
अपने स्वागत संबोधन में मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि आजादी के बाद राज्य के वीरों की शौर्य गाथा को किसी ने सामने लाने का प्रयास नहीं किया। आभारी हूँ प्रधानमंत्री का जिन्होंने राज्य के वीरों का सम्मान में संग्रहालय निर्माण का मार्ग प्रसस्त किया। राज्य के मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आदिवासी कल्याण से संबंधित योजनाएं फलीभूत हो रहीं हैं। शौर्य पार्क के रूप में जनजातीय समाज को दिए गए सम्मान से बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता। 

इस अवसर पर खिजरी विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि राज्य के विभिन्न गांव की मिट्टी से झारखंड के वीर शहीदों की प्रतिमा का निर्माण होगा। हम शहीदों के नाम और राजनीति नहीं करते बल्कि उनका सम्मान करते हैं। आने वाले समय में यह संग्रहालय सभी को गौरवान्वित करेगा।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने शहीदों की प्रतिमा निर्माण में उपयोग होने वाले पावन माटी का विधान से पूजन कर नमन किया। साथ ही आम लोगों के बीच जाकर उनका अभिनंदन किया और शीश नवा कर उनका अभिवादन स्वीकार किया।

इस अवसर पर मंत्री सीपी सिंह, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, सांसद लक्ष्मण गिलुआ, राज्य सभा सांसद समीर उराँव, मेयर आशा लकडा, विधायक हरेकृष्ण सिंह, विधायक शिवशंकर उराँव, विधायक राधाकृष्ण किशोर, विधायक जीतुचरण राम, विधायक गंगोत्री कुजूर, विधायक मेनका सरदार, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, वरीय अधिकारी व विभिन्न जिलों से आये सैकड़ों लोग इस अद्भुत आयोजन के साक्षी बनें।

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