*Image credit The Indian Express

झारखंड हाई कोर्ट ने रिम्स से 4 सप्ताह में खाली पदों का ब्योरा मांगा है। एफिडिविट दायर कर रिम्स से बिंदुवार जानकारी देने के लिए कहा है। कोर्ट ने बताने कहा है कि रिम्स में किन किन पदों पर नियुक्ति के लिए कब-कब विज्ञापन निकाला गया है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कौन-कौन से स्वास्थ उपकरण खरीदे गए हैं।

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में गुरुवार को इसमामले में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने रिम्स प्रबंधन से विस्तृत जवाब मांगा है। हाईकोर्ट का कहना है कि रिम्स की चिकित्सकीय व्यवस्था बहुत लचर है और इसके लिए रिम्स प्रबंधन और सरकार को गंभीर होने की जरूरत है। क्योंकि रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है और लोग इसी उम्मीद से वहां इलाज कराने आते हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स से पूछा था की कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए हैं। अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गई है।अदालत ने यह भी पूछा है कि जब रिम्स सरकारी संस्थान है, तो पैथोलॉजी की जांच निजी संस्थानों से क्यों करवायी जाती है? इन सभी बिंदुओं पर झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन से जवाब तलब किया था।

कोरोना काल के दौरान रिम्स से लगातार अनियमितता बरती जाने की खबरें सामने आ रही थी। इस पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और उस स्वत संज्ञान को जनहित याचिका में तब्दील कर इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

-----------------------------Advertisement------------------------------------Jharkhand School of Exccellence Hamin Kar Budget 2023-24
--------------------------Advertisement--------------------------MGJSM Scholarship Scheme

must read