अग्निपथ' योजना एक परिवर्तनकारी सुधार है जिसकी घोषणा १४ जून २०२२ को रक्षा मंत्रालय ने हमारे सशस्त्र बलों को अधिक युवा, विविध और तकनीकी जानकार बनाने के उद्देश्य से की थी। भारतीय सेना न केवल सशस्त्र बलों और भूतपूर्व सैनिकों के लिए बल्कि देश के युवाओं के साथ-साथ हमारे नागरिक समाज के लिए भी योजना के लाभों को दोहराने के लिए पूरे भारत में पहुंच बना रही है।

युद्ध का स्वरूप बदल रहा है जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों को खुद को ढालने की जरूरत है। हमारे देश के विशाल युवा जनसंख्या को देखते हुये भविष्य के युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल भर्ती की प्रक्रिया की आवश्यकता है।

 'अग्निपथ योजना आईटीआई और अन्य तकनीकी प्रतिष्ठानों से भर्ती करके सैनिकों की तकनीकी सीमा को बढ़ाएगी। यह 2030 तक भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु प्रोफ़ाइल को 32 वर्ष से घटाकर 24-26 वर्ष कर देगी। 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वर्दी में उन लोगों के प्रतिनिधित्व को औरो से अधिक भिन्न बना देगा। हालांकि अब तक भर्ती राज्यो के भर्ती योग्य पुरुष आबादी पर आधारित थी, लेकिन देश के कुल 755 जिलों में से केवल 168 में ही 75% से अधिक का योगदान था। अब सभी 7226 ब्लॉकों को सेना में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा।

भारत के युवाओं में राष्ट्र की सेवा करने के लिए देशभक्ति की एक मजबूत भावना देखी जाती है। 'अग्निपथ' योजना उन्हें छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी। सेवा में रहते हुए वे सम्मानजनक वेतन और भत्ते प्राप्त करेंगे, जबकि 4 साल के बाद छोड़ने वालों को अपने दूसरे करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय, तकनीकी एवम संस्थानिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त निकट भविष्य में 5 त्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने वाले बढ़ते भारत के लिए कुशल, अनुशासित और प्रेरित कार्यबल की आवश्यकता होगी। 2030 तक भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ हो जाएगी, जिसमें से 50 प्रतिशत की आयु 25 वर्ष से कम होगी। 'अग्निपथ' योजना इस विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम होगी। 4 साल के बाद छोड़ने वाले अग्निवीरों में से 75% को अपने गैर-सैन्य करियर में शामिल होने के लिए वित्तीय और तकनीकी दोनों रूप से सशक्त बनाया जाएगा।

पिछले दो वर्षों में इस योजना पर सोच समझकर विचार किया गया है। न केवल कई विदेशी सशस्त्र बलों के प्रारूपो का अध्ययन किया गया, बल्कि देश में सभी • हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा भी की गई है।

किसी भी अन्य परिवर्तनकारी सुधार की तरह, संबंधित चुनौतियां हैं और इसलिए योजना को चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है और भारतीय सेना परिवर्तन प्राप्त करने के उद्देश्य से इस योजना को अपनाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। जिसका एकमात्र इरादा संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण के माध्यम से अपनी युद्ध क्षमता को सर्वोत्तम बनाना है।

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