डॉक्टर भीम राव अंबेदकर राष्ट्रीयता के प्रखर उद्घोषक थे। उन्होंने भारत राष्ट्र की राष्ट्रीयता एवं सनातन संस्कृति के पक्ष में अपने उद्गार व्यक्त किए। उनके जीवन के विविध आयामों को परिपूर्णता से समझने की जरूरत है, ताकि उनके नाम पर जातीय विद्वेष और घृणा की राजनीति फैलाने वाले सफल न हों। 

उनका उपनाम "अम्बेडकर " भी एक सवर्ण शिक्षक द्वारा दिया गया है । उक्त बातें अधिवक्ता परिषद, झारखंड द्वारा डॉ. भीम राव अंबेदकर जन्म दिवस पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित वर्चुअल विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही ने मुख्य वक्ता के रूप में कहीं। 

उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीम राव अंबेदकर के नाम का इस्तेमाल कर कुछ लोग जातीय विद्वेष की राजनीति फैलाना चाहते हैं, जो पूरी तरह से गलत है। डॉक्टर भीम राव अंबेदकर एक महान पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को उनकी समग्रता में समझने की जरूरत है। 

"डॉक्टर भीम राव अंबेदकर एवं सामाजिक समरसता" विषय पर आयोजित इस वर्चुअल विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान के रूप में डॉक्टर भीम राव अंबेदकर ने मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण जो दस्तावेज दिया, वह भारत के महान आदर्शों के अनुकूल रहा है। 

विशिष्ट अतिथि के रुप में वर्चुअल विचार गोष्ठी में उपस्थित अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि भारत की संस्कृति में कभी भी जातीय विषमता और छुआछूत का स्थान नहीं रहा। अंग्रेजों ने "फूट डालो और शासन करो" की नीति के तहत विराट समाज को तोड़ने का काम किया एवं कुछ स्वार्थी लोग अभी भी ऐसा प्रयास कर रहे हैं। 

हमें डॉक्टर भीम राव अंबेदकर की भावना को सही रूप में समझने की आवश्यकता है। वर्चुअल विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अधिवक्ता परिषद, झारखंड के अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार एवं उसके विविध प्रावधानों में निहित डॉक्टर भीम राव अंबेदकर की भावना भारतीय संस्कृति और आदर्श के अनुकूल है। 

वे सामाजिक समरसता के पक्षधर थे, जो भारत की मूल संस्कृति रही है। राज्य स्तरीय इस वर्चुअल विचार गोष्ठी का संचालन अधिवक्ता परिषद, झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजकुमार शर्मा (देवघर) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष कुमार पांडेय (हजारीबाग) ने किया। कार्यक्रम का आरंभ अधिवक्ता सरिता सिंह द्वारा "वंदे मातरम्" की प्रस्तुति से किया गया, जबकि बोकारो की अधिवक्ता अर्चना कुमारी ने कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान की मोहक प्रस्तुति की।

 इस वर्चुअल विचार गोष्ठी में बड़ी संख्या में अधिवक्तागण शामिल हुए जिसमें बिहार इकाई के उपाध्यक्ष अरविन्द सिंह, अनिल कुमार कश्यप (वरीय अधिवक्ता), प्रभात कुमार सिन्हा,प्रदेश महामंत्री विजय नाथ कुंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष बी कामेश्वरी, सुनील कुमार, बार काउन्सिल के अध्यक्ष राजेन्द्र कृष्ण, ऑल इंडिया बार काउन्सिल के सदस्य प्रशान्त कुमार सिंह ,राष्ट्रीय परिषद सदस्यगण डॉ. भीम महतो व प्रशान्त विद्यार्थी, संजीत मुखर्जी, लीना मुखर्जी, अमित सिंह आदि प्रमुख थे। यह जानकारी झारखण्ड राज्य मीडिया सह प्रमुख रीतेश कुमार बॉबी ने दी |

 

प्रेषक :रीतेश कुमार बॉबी,अधिवक्ता

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