एक, एयरपोर्ट में सोलर प्रणाली का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत प्रतिमाह 2500 यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है और प्रतिमाह 1.6 लाख रुपये की बचत हो रही है।

दूसरा सामानों के लिए आधुनिक एक्सरे मशीन इनलाइन बैगेज हैंडलिंग सिस्टम बनकर तैयार हो गया है।

इसे टर्मिनल में सिक्योरिटी जोन में इंस्टाल कर दिया गया है। इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अप्रूवल मिलने के बाद चालू किया जाएगा। वर्तमान में एयरपोर्ट प्रबंधन डीजीसीए से मिलने वाली अनुमति और जांच की बांट जोह रहा है। 

अक्तूबर माह के अंत तक इस आधुनिक सामानों की जांच मशीन को चालू कर दिया जाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट में सोलर प्रणाली का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत प्रतिमाह 2500 यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है और प्रतिमाह 1.6 लाख रुपये की बचत हो रही है।

वर्तमान में विमान यात्रियों को सामानों की जांच के लिए कतार लगानी होती है। यात्रा से पहले यात्रियों को स्क्रिनिंग करवानी होती थी। उसके बाद वे सामानों के साथ काउंटर में जाते थे। 

नई व्यवस्था चालू होने पर यात्री सीधे चेक इन काउंटर पर जाएंगे और वहीं सामानों को दे देंगे। जहां से उनके सामान सीधे विमानों में चली जाएगी। यह व्यवस्था वर्तमान में दिल्ली जैसे महानगरों व बड़े शहरों के एयरपोर्ट में उपलब्ध है। इस सुविधा के चालू होने से यात्रियों की समय बचत होगी और सामानों को उठाकर अन्यत्र इधर उधर नहीं होना पड़ेगा।

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