20 वर्षों से नेत्रदान जागरूकता अभियान रन फॉर विजन का हो रहा है आयोजन*

*सैकड़ों युवाओं और शहर के गणमान्य लोगों ने लिया भाग

*बचपन से रोशनी खो रहे खूंटी के दो आदिवासी भाइयों को मिली नई रोशनी*

*मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने वाले 13 परिवारों को माननीय झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष ने किया सम्मानित*

राँची : कश्यप मेमोरियल आई बैंक और आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के संयुक्त तत्वाधान में 37वें में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत आज “रन फॉर विजन “का भव्य आयोजन जैप वन के मेला ग्राउंड में किया गया। ये इतिहास के पन्नों में ये संस्था झारखंड की राजधानी राँची में लगातार 20 वर्षों से नेत्रदान जागरूकता अभियान “रन फॉर विजन” का कर रहा है आयोजन।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष श्री. रवींद्र नाथ महतो एवं विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री श्री. जगन्नाथ महतो के द्वारा रंग-बिरंगे बैलून को आसमान में उड़ाते हुए रन फॉर विज़न दौड़ की शुरुआत की गई। इस दौड़ में सैकड़ों छात्रों एवं शहर के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के अध्यक्ष श्री. अनुज सिन्हा  के द्वारा प्रस्तुत किया गया। नेत्रदान अभियान से जुड़ कर नेत्रदान करने बाले 13 परिवारों को माननीय झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष श्री. रवींद्र नाथ महतो के द्वारा सम्मानित किया गया।

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डॉ. भारती कश्यप, मेडिकल डायरेक्टर, कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने बताया की पिछले 20 वर्षों से लगातार हर वर्ष हम बड़े पैमाने पर नेत्रदान जागरूकता अभियान का आयोजन कर रहे हैं। कई बार हमने ब्लाइंडफोल्डेड मेराथन भी किया है। 

तत्कालीन राज्यपाल माननीय द्रौपदी मुर्मू जी ने भी लगातार 5 वर्षों तक इन कार्यक्रम में न केवल भाग लेकर बल्कि नेत्र दान का शपथ पत्र भर कर झारखंड में नेत्रदान जागरूकता अभियान को एक बहुत बड़ी गति दी है। 18 दिन के बच्चे से लेकर 103 वर्ष के लोगों का नेत्रदान कश्यप मेमोरियल आई बैंक में हुआ है। 

अब तक कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 710 प्रत्यारोपण हो चुके हैं। झारखण्ड में सबसे ज्यादा नेत्र प्रत्यारोपण कश्यप मेमोरियल आई बैंक द्वारा किए गए हैं। कोरोना के दो साल मे हमने 124 नेत्र प्रत्यारोपण किए थे और पिछले 1 वर्षों में हमने 100 से ज्यादा प्रत्यारोपण वह भी आधुनिकतम लैमेलर केराटोप्लास्टी तकनीक द्वारा किए हैं। डॉ निधि गड़कर कश्यप के नेतृत्व मे हमारी नेत्र प्रत्यारोपण विशेषज्ञों की बड़ी टीम है जो लगातार इस महान कार्य में लगी हुई है।

*माननीय झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष श्री. रवींद्र नाथ महतो ने कहा की* युवाओं को जागृत कर जिस तरह कश्यप मेमोरियल आई बैंक नेत्रदान का संदेश फैला रहा है यह नेत्रदान जागरूकता के लिए बढ़ाया गया बहुत बड़ा कदम है। अंधविश्वास पर बिल्कुल विश्वास नहीं करें। क्योंकि युवा देश का भविष्य हैं और हम देश के भविष्य को नेत्रदान के प्रति जागृत कर रहे हैं।

*शिक्षा मंत्री श्री. जगन्नाथ महतो ने कहा की* हम सभी को अपने काम के साथ सामाजिक सरोकार से भी संबंध रखना चाहिए कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल अपने काम के अलावा सामाजिक सरोकार में काफी बढ़ चढ़कर भाग लेता है यह बहुत ही प्रशंसनीय बात है। आज मैं अंगदान की वजह से ही आप लोगों के सामने खड़ा हूं और बातें कर रहा हूं मेरे दोनों फेफड़ों का प्रत्यारोपण किसी की मृत्यु उपरांत अंगदान से ही संभव हो पाया है।

*कार्यक्रम के अंत में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिभूति कश्यप ने* धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और उन्होंने कर्यक्रम में मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों, नेत्रदान करने वाले लोगों के परिजनों एवं कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्वाद कहा।

*कश्यप मेमोरियल आई बैंक की उपलब्धियां:*
• सन 1995 में संयुक्त बिहार झारखंड का पहला नेत्र प्रत्यारोपण की उपलब्धि
• 18 दिन के बच्चे से लेकर 103 वर्ष के लोगों का नेत्रदान कश्यप मेमोरियल आई बैंक में हुआ है

• यह राज्य का प्रथम एक्टिव आई बैंक है जो पिछले 27 वर्षों से सफलतापूर्वक को कॉर्निया जनित दृष्टिहीनो को रोशनी दे रहा है
• अभी तक 710 कॉर्निया की बीमारी से ग्रसित मरीजों को नेत्र प्रत्यारोपण से लाभान्वित किया गया है

• दो वर्ष के कोरोना काल में 124 नेत्र प्रत्यारोपण एक ऐतिहासिक सफलता

• आधुनिकतम लैमेलर कॉर्निया प्रत्यारोपण की विधि से किया जाता है अधिकतर नेत्र प्रत्यारोपण 

• खूंटी के आदिवासी पाहन परिवार के दो बच्चों राजेश और राहुल को मिली रोशनी, एक बच्चे को कॉर्निया का अभी भी है इंतजार। खूंटी में किए गए कैंप से एक ही परिवार के 3 ऐसे बच्चे मिले जो कॉर्निया की अनुवांशिक बीमारी से अपनी रोशनी खो चुके थे। उन्हें कश्यप मेमोरियल आई बैंक द्वारा मुफ्त नेत्र प्रत्यारोपण कर नई रोशनी दी गई एक बच्चा अभी भी कर रहा है अच्छे डोनर कॉर्निया का इंतजार।

*भारत में नेत्रदान के आंकड़े*

राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर वर्ष 25 अगस्त से 08 सितंबर तक मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है तथा लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करना है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद नेत्रदान करने वालों का आंकड़े बहुत संतोषजनक नहीं है।

 जहां तक भारत की बात है तो यहां नेत्रदान एवं कोर्निया प्रत्यारोपण के वर्तमान आंकड़ों पर गौर करें तो जानकर हैरानी होती है कि ऩेत्रदान करने वालों की संख्या एक फीसदी से भी कम है। भारत में, लगभग 68 लाख लोग कम से कम एक आंख में कॉर्निया जनित दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं; इनमें से 10 लाख लोग दोनों आंखों से दृष्टिहीन हैं। 

राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं दृष्टिबाधित सर्वे 2019 के मुताबिक कॉर्नियल के कारण दृष्टिहीनता भारत में पचास वर्ष से कम आयु वर्ग के रोगियों में अंधेपन का प्रमुख कारण था, जो कि 37.5 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार था और पचास वर्ष से अधिक आयु के रोगियों में अंधेपन का दूसरा प्रमुख कारण था। यही वजह है कि देश में 25 हजार से ज्यादा लोग आज भी अंधेरी दुनिया में जी रहे हैं। देश में प्रत्येक वर्ष 80 से 90 लाख लोगों की मृत्यु होती है, लेकिन नेत्रदान 25 हजार के आसपास ही होता है। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा इसीलिए मनाई जाती है कि लोग मृत्यु से पहले अपनी आंखें दान कर अंधरे में जी रहे लोगों के जीवन में उजाला भर सकें।

*इस अभियान से जुड़कर नेत्रदान करने वाले निम्नांकित परिवारों को माननीय झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष के द्वारा सम्मानित किया गया:*
1. बिमला देवी
2. सौरव राज
3. अंजय स्याल
4. गोपी कृष्ण राजगढ़िया
5. मैना देवी झुंझुनवाला
6. प्रेम कुमार लोहिया
7. आलोक शर्मा
8. प्रेम कुमारी जैन
9. राज नंदिनी कुमारी
10. शंभु शरण प्रसाद
11. बिमला बंका
12. सुनील जैन
13. सालीग्राम अग्रवाल
*पूर्व के वर्षों में नेत्रदान करने वाले परिवार*
14. साधना जैन
15. रश्मि मारू

*आदिवासी समुदाय के खूंटी से आए दो भाइयों राजेश पाहन एवं राहुल पाहन ने प्रत्यारोपण के बाद मिली नई रोशनी के साथ नई जिंदगी के अनुभव साझा किए :*

राहुल पाहन ने बताया की हम दोनों भाइयों को बच्चपन से ही कम दिखाई देता था और जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती गई वैसे-वैसे हमारी नजर और कमजोर होती चली गई। जब 26 जून 2022 में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के द्वारा खूंटी में कैंप लगाया गया था तब डॉ. निधी गडकर कश्यप ने दोनों भाइयों की आँखों के पुतली का प्रत्यारोपण किया जिस के बाद से अब हम दोनों भाइयों को अब बहुत अच्छा दिख रहा है। मेरा बच्चपन से आई.ए.एस. ऑफिसर बनने का जो सपना था अब लग रहा है की पूरा हो सकता है।

*रन के विजेताओं के नाम*
*अर्सुलाइन कॉन्वेंट*
*ग्रुप 1 (Y 1)*
फर्स्ट - मुन्नी लाकड़ा
सेकेंड - मुस्कान गारी
*ग्रुप 2 (B1)*
फर्स्ट - दिव्या सिंह
सेकेंड -:मनीषा कुमारी
*ग्रुप 3 (P 1)*
फर्स्ट - पिया लिंडा
सेकेंड - किरण मुंडो
*ग्रुप 4 (G 1)*
फर्स्ट - सुहानी कुमारी
सेकेंड - मनीषा कुमारी
*ग्रुप 5 (R 1)*
फर्स्ट - नेहा कुमारी
सेकेंड - कुमकुम कुमारी
*ग्रुप 6 (PP 1)*
फर्स्ट - अवंतिका मिंज
सेकेंड - सिहाल कुमारी
*संत जेवियर्स कॉलेज*
*ग्रुप 7 (Y 2)*
फर्स्ट - श्रेयांश
सेकेंड - ओम सिंह
*ग्रुप 8 (B 2)*
फर्स्ट - मैफुजुल रहमान
सेकेंड - आकांक्षा मिंज
*ग्रुप 9 (P 2)*
फर्स्ट - नयन प्रकाश
सेकेंड - सुनील सुंडी
*ग्रुप 10 (G 1)*
फर्स्ट - अंकिता सिंह
सेकेंड - पिया कुमारी
*ग्रुप 11 (R 2)*
फर्स्ट - स्वेता कुमारी
सेकेंड - मीना परवीन
*ग्रुप 12 (PP 2)*
फर्स्ट - आयुष कुमार
सेकेंड - डेनियल रजा

*पेंटिंग कंपटीशन के विजेताओं के नाम*
1. कंसोलेशन - अमीषा गुलियार (11th B)
2. थर्ड प्राइज - पूजा (11th E, साइंस)
3. सेकेंड प्राइज - इशिका कुमारी (11th D, साइंस)
4. फर्स्ट प्राइज - मीना कुमारी (11th D, साइंस)

*सम्मान पाने वाली संस्थाओं के नाम*
1. मारवाड़ी युवा मंच महिला शाखा
2. उर्सुलाइन कॉन्वेंट
3. गोस्नर कॉलेज
4. सेंट जेवियर्स कॉलेज
5. एफ.जे.सी.सी.आई. (FJCCI)
6. झारखण्ड आई.एम.ए.

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