*All images by IPRD, Jharkhand

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने कहा कि झारखण्ड के शहरी एवं ग्रामीण विकास के लिये वित्त आयोग हर संभव मद्द करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा जो मांगे रखी गई है उनपर आयोग गंभीरता से विचार करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास हेतु राशि कि आवश्यकता होती है आयोग की ओर से प्रयास रहेगा कि राशि के अभाव में राज्य का विकास बाधित न हो। वे आज होटल रेडिशन ब्लू में नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ 15वें वित्त आयोग की बैठक कर रहे थे। बैठक में नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं से आयोग को अवगत कराया।

नगर निकाय के प्रतिनिधियों ने मुख्य रूप से सड़क, नाली, पीने के पानी की समस्या,शहरी कचड़ा प्रबंधन, पर्यटन के विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा की। बैठक में बताया गया कि 14वें वित्त आयोग द्वारा जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर राशि निर्गत किया गया था जिसपर प्रतिनिधियों ने आवश्यकता के आधार पर राशि निर्गत कराने की बात कही। 

-----------------------------Advertisement------------------------------------Abua Awas Yojna 

प्रतिनिधियों ने कहा कि चूंकि झारखण्ड में अभी नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत शैश्व  अवस्था में है अतः यहां विकसित राज्यों की तरह परफॉर्मेंश आधारित राशि का निर्धारण नहीं होना चाहिये। प्रतिनिधियों ने कहा कि आधारभूत संरचनाओं की अभी भी कमी है। इसपर आयोग के सदस्य श्री अशोक लाहिरी ने कहा कि सकुशल कार्य निशपादन के आधार पर राशि का आवंटन एक आधारभूत व्यवस्था है जिसका अनुपालन सभी प्रतिनिधियों पर देश के सभी हिस्सों में समान रूप से लागु करना चाहिये।  

ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने बैठक में संयुक्त रूप से एक प्रतिवेदन दिया जिसमें मुख्य रूप से आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के तीनों स्तर (जिला परिषद, ग्राम समिति एवं ग्राम पंचायत) में आवश्यकतानुसार राशि निर्गत करने एवं उनके व्यय हेतु उचित दिशा निर्देश लागु किये जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर कार्मियों की कमी है जिससे योजनाओं को लागु करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने आपदा प्रबंधन, ग्रामीण के स्वास्थ्य हेतु सहायता राशि, ग्राम प्रतिनिधियों को कार्य के निषपादन करने हेतु वाहन की भी मद्द मांगी। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने उचित नियमावली के अभाव में अपने क्षेत्रों में कर आरोपण व्यवस्था लागू करने एवं इसके द्वारा राजस्व उपार्जन क्षमता में असमर्थता व्यक्त की।  

इस अवसर पर राज्य के नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत के सभी जन प्रतिनिधि एवं 15वें वित्त आयोग के सदस्य श्री शक्तिकांता दास, डॉ. अनुप सिंह, डॉ. रमेश चंद, सचिव अरविंद मेहता उपस्थित थे।

must read