अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के द्वारा हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित विश्व विद्यालय के प्रांगण में 4 दिवसीय 16वीं राष्ट्रीय सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय क़ानून मंत्री श्री किरेन रिजिजू जी ने कहा कि कोई भी कोर्ट छोटा या बड़ा नहीं होता चाहे वो उच्चतम न्यायालय हो उच्च न्यायालय हो या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हो।

इन सभी कोर्टो में मेरे हिसाब से भारतीय भाषाओं में ही बहस होनी चाहिए, जो कोर्ट जिस भी जगह के हो वहां के कोर्टो में लोकल भाषा को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए | उन्होंने बड़े वकील और छोटे वकीलों के फीस पर भी चर्चा करते हुए कहा कि बड़े वकीलों को छोटे वकीलों पर भी ध्यान देना चाहिए | 

वहीं सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति श्री सूर्यकान्त जी ने इस 16वीं राष्ट्रीय सम्मलेन के मूल्य उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि मेरी समझ में इस सम्मलेन का मूल उद्देश्य यह है कि आज़ादी के 75वें साल तक हमने क्या खोया और क्या पाया।

इसमें क्या सुधार किया जाए इस पर एक विस्तृत परिचर्चा का आयोजन किया गया है तथा मेरे विचार में यह एक बहुत ही सुदृढ़ और सकारात्मक पहल है।

वहीं उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश ग्वालियर बेंच के माननीय न्यायमूर्ति श्री जी० एस० अहलुवालिआ ने इस आयोजन की प्रसंशा करते हुए कहा कि इतनी सारी संख्या में देश कि विभिन्न राज्यों से आये वकील एक साथ किसी सकारात्मक विषय पर चर्चा करने के लिए उपस्थित हुए है यह अपने आप में एक प्रसंशा का विषय है।

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दूसरी तरफ दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति माननीय श्री स्वरण कांता शर्मा, डॉ. एस० पी० बघेल, मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट, लॉ एंड जस्टिस, गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया , मद्रास उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री जी० आर० स्वामीनाथन, हरियाणा के महाधिवक्ता श्री बलदेव राज महाजन, लॉ कमीशन हरियाणा के सदस्य श्री मुकेश गर्ग,  श्री के० श्रीनिवास मूर्ति, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा श्री सत्य प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् , नेशनल जनरल सेक्रेटरी अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् श्री डी० भरत कुमार विशेष रूप से पूरे 4 दिवसीय कार्यक्रम में उपस्थित थे तथा अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के अध्यक्ष श्री के० श्रीनिवास मूर्ती के द्वारा केंद्रीय कानून मंत्री को एक रेसोलुशन सौंपा गया जिसमें विशेष रूप से सभी कोर्टो में प्राथमिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने, सभी के लिए सामान्य पारिवारिक कानून को लागू करने, जुडिसियल अपॉइंटमेंट कमीशन बनाने पर पुनः विचार करने, अधिवक्ता संरक्षण कानून को जल्द से जल्द लागू करने कि आवश्यकता, कानूनी शिक्षा में प्रत्येक कानून के ऐतिहासिक महत्ता को जोड़ना तथा महिलाओं का योगदान बार कॉउन्सिल तथा सरकारी पैनलों में सुनिश्चित कराना इत्यादि विषयो पर विस्तार से सुझाव दिया गया तथा इस पर अमल करने कि प्राथमिकता पर भी जोड़ दी गयी |
              
राष्ट्रीय अधिवेशन के परिचर्चा में झारखण्ड से उपस्थित हाई कोर्ट इकाई के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता श्री अनिल कुमार कश्यप विशेष रूप से मंचासीन थे | 

इस पूरे 4 दिवसीय अधिवेशन में अधिवक्ता परिषद्, झारखण्ड से लगभग 125 चुने हुए परिषद् के प्रांतीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय परिषद् सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य, मार्गदर्शक मंडल, तथा विभिन्न डिस्ट्रिक्ट कोर्टो से अधिवक्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें प्रमुख रूप से राजेन्द्र कुमार मिश्रा, अनिल कुमार कश्यप, राजेन्द्र कृष्णा, प्रशांत कुमार सिंह, प्रशांत विद्यार्थी, प्रभात कुमार सिन्हा, रीतेश कुमार बॉबी, अनिल कुमार, भीम महतो, कृष्ण गोपाल निताई, नीता कृष्णा, किरण सुषमा खोया, लीना मुख़र्जी, ज्योति कच्छप, प्रमोद कुमार गुप्ता, राधाकृष्ण गुप्ता, हराधन प्रमाणिक, बक्शी विभा, प्रवीण कुमार पाण्डेय, रमित सतेंद्र, विजय कुमार पाण्डेय, शिव शंकर साहु, पंच देव सिंह, नन्द किशोर महतो, आशुतोष गुप्ता, सुनील कुमार, अनुप कुमार जयसवाल, संजय कुमार मुख़र्जी, बासुदेव प्रमाणिक, संजय कुमार पाण्डेय, सतेन्द्र नाथ गोंझू, बलिराम प्रसाद जयसवाल, विजय कुमार रॉय, बीरेंद्र कुमार पाण्डेय, अजय कुमार पाठक, प्रदीप कुमार चौरसिआ सभी राँची से, विजय नाथ कुंवर, दिनेश लाल श्रीवास्तव, संतोष कुमार गिरी, उमा कांत पाठक, मृत्युंजय कुमार सभी बोकारो से, संतोष कुमार पाण्डेय, कपिलदेव कुमार राणा, प्रभात कुमार सिन्हा सभी हज़ारीबाग़ से, राज कुमार शर्मा, कबिता झा, रेखा कुमारी, महामाया राय सभी देवघर से, चंद्र भूषण ओझा, अमित कुमार सिंह, बी० कामेश्वरी  उर्फ़ उमा, चंद्र प्रकाश सिन्हा, के० के० उपाध्याय, रंजना श्रीवास्तव, हेमंत साहू, अर्जुन सिंह, शांतनु बिस्वास सभी जमशेदपुर एवं घाटशिला से, प्रेम प्रकाश उपाध्याय, नरेन्द्र त्रिवेदी, तरुण कुमार द्विवेदी, अनुप कुमार साव, मनोज कुमार राकेश, हीरालाल चौहान, पंचानन सिंह, संदीप प्रसाद सभी धनबाद से छत्रपति महतो, सुनील कुमार सिंहदेव, अरुण कुमार सिंह सभी सरायकेला से, सुनील कुमार मिश्रा, गोरख नाथ पाण्डेय, सिकंदर दुबे, दीपक कुमार, संजय अग्रवाल, धनंजय कुमार सिंह, कमलेश कुमार दुबे, राहुल सत्यार्थी, प्रेमतोष सिंह, मनोज प्रजापति, राम नाथ सिंह सभी पलामू से, पवन कुमार पाठक लातेहार से, प्रवीण कुमार पाण्डेय गढ़वा से, शिव शंकर तिवारी गोड्डा से, अमरजीवन दुमका से, मीरा कुमारी गिरिडीह से उपस्थित थे। 

यह जानकारी अधिवक्ता परिषद् झारखण्ड के प्रदेश मीडिया सह प्रमुख श्री रीतेश कुमार बॉबी, अधिवक्ता, झारखण्ड उच्च न्यायालय के द्वारा दी गयी ।

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