महिला जूनियर एशिया कप हॉकी 2023 के फाइनल मुकाबले में कोरिया को 2- 1गोल से पराजित कर ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए  पहली बार चैम्पियन बनी।

हॉकी इंडिया की ओर हॉकी इंडिया के महासचिव सह हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह जी जापान में ही उपस्थित थे।जूनियर महिला एशिया कप में पहली बार विजेता बनी जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम के सभी सदस्यों को हॉकी इंडिया ने दो दो लाख रुपए देने की घोषणा की*

02जून से 11जून 2023 तक जापान के काकामिगहारा में आयोजित  महिला जूनियर एशिया कप हॉकी प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबला में आज कोरिया को 2=1गोल पराजित कर  पहली बार चैम्पियन बनी। चैम्पियन 18सदस्यीय टीम में हमारे सिमडेगा जिला झारखंड के भी तीन खिलाड़ी दीपिका सोरेंग, महिमा टेटे और रोपनी कुमारी भी सामिल है।

ये तीनो खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। दीपिका सोरेंग  ने तीन गोल भी की है उसे  चाइनीज ताइपे के खिलाफ खेले गए मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड का पुरुस्कार देकर सम्मानित भी किया गया था।इस प्रतियोगिता में  टीम को प्रोत्साहित करने के लिए हॉकी इंडिया की ओर से हॉकी इंडिया  के महासचिव सह हॉकी झारखंड के अध्यक्ष श्री भोलानाथ सिंह जी भी उपस्थित है।हॉकी इंडिया ने चैंपियन टीम के प्रत्येक खिलाड़ियों 2=2लाख रुपए देने की घोषणा की।

दीपिका सोरेंग जो की फॉरवर्ड पोजिशन से खेलती है और इस प्रतियोगिता में तीन गोल की है एक मैच में उसे प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया है। सिमडेगा जिला के केरसई प्रखंड अंतर्गत करगागुड़ी सेंबर टोली की है।जो बहुत ही विपरीत परिस्थितियों से गुजरते हुए आज इस मुकाम तक पहुंची है बचपन में ही उसके पिताजी का देहांत हो गया था उस वक्त उसकी मां दूसरे राज्य में दिहाड़ी मजदूरी कर दीपिका का लालन पालन किया।

दीपिका सोरेंग इससे पूर्व में भी जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी है, मात्र 09वर्ष की उम्र ही दीपिका हॉकी सिमडेगा द्वारा जिला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में करगागुड़ी टीम से खेलती थी।2016में वह पहली बार राष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी चैपमियनशिप में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व किए।वर्तमान समय में रांची रेलवे में कार्यरत है।

महिमा टेटे जो डिफेंडर की पोजिशन से खेलती है और वह सिमडेगा जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत बरकिछापर गांव की रहने वाली है।।महिमा टेटे सिमडेगा जिला की प्रथम महिला ओलंपियन सह एशिया महाद्वीप की एथलीट एंबेसेडर सलीमा टेटे की छोटी बहन है,इसके परिवार की भी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी,पिताजी खेती बारी कर तथा माता मीड डे मील का खाना बनाकर अपने बच्चो का लालन पालन किया।महिमा 2018में राष्ट्रीय सब जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप में पहली बार झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व की।महिमा टेटे इससे पूर्व में भी भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम से कई बार विदेश दौरा कर चुकी है।

रोपनी कुमारी  जो कि डिफेंडर पोजीशन से खेलती है। हॉकी की नर्सरी सिमडेगा जिला के ठेठईटांगर प्रखंड अंतर्गत तुकुपाणी पंचायत के जामबहार गांव की रहने वाली है।रोपनी कुमारी का जीवन भी काफी संघर्ष भरा चल रहा है।बचपन में ही इसके पिताजी गुजर गए ।रोपनी की मां खेती के दिनों में दूसरे के खेतो के मजदूरी कर और बड़ा भाई अन्य प्रदेशों में मजदूरी कर रोपनी सहित परिवार के अन्य सदस्यो का लालन पालन करता है,आज भी उसे काफी आर्थिक अभावों से गुजरना पड़ता है।

ओलंपियन सलीमा टेटे की तरह गांव और स्कूल टीम से खस्धी प्रतियोगिताओं से हॉकी की शुरुवात की है। इस प्रतियोगिता से रोपनी पहली बार जूनियर भारतीय महिला टीम का प्रतिनिधित्व की है वह पहली बार 2017 राष्ट्रीय सब्जुमियर महिला हॉकी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व की थी।  रोपनी फुटबॉल की भी बहुत अच्छी खिलाड़ी रही है।

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