झारखंड राज्य में स्थित केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, राँची के अंतर्गत आने वाले समस्त 42 केन्द्रीय विद्यालयों (शिफ्ट केवी सहित) में विद्यालय स्तर पर 1 जून से 15 जून 2023 तक आभासी / भौतिक मोड के माध्यम से जी-20, एनईपी 2020, मूलभूत साहित्य और संख्यात्मकता के बारे में जागरूकता जनभागीदारी गतिविधियों का संचालन निम्नलिखित विवरण के अनुसार सम्पन्न हुआ ।
जी-20 प्रेसीडेंसी विशेष रूप से "आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता" के बारे में जागरूकता पर जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 12.06.2023, 13.06.2023, 14.06.2023 तथा दिनांक 15.06.2023 को सम्पन्न हुआ ।
कार्यशाला का केंद्रित विषय "बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करना, विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में" है । एक दिवसीय कार्यालय के आयोजन हेतु प्रत्येक जिले से एक-एक केन्द्रीय विद्यालय को नोडल केन्द्रीय विद्यालय के रूप में कुल 24 केन्द्रीय विद्यालयों का चयन किया गया है, जहां एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ।
दिनांक 12.06.2023 को कुल 02 केन्द्रीय विद्यालयों में, दिनांक 13.06.2023 को कुल 06 केन्द्रीय विद्यालयों में,दिनांक 14.06.2023 को कुल 13 केन्द्रीय विद्यालयों में तथा दिनांक 15.06.2023 को कुल 03 केन्द्रीय विद्यालयों में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ ।
चयनित नोडल केन्द्रीय विद्यालयों द्वारा कार्यशाला में जिले के अन्य केन्द्रीय विद्यालय, सरकारी, राजकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों के शिक्षकों, जिले के प्रमुख व्यक्तियों, खिलाड़ियों, पद्म एवं अन्य पुरस्कार विजेताओं, कलाकारों, शिक्षाविदों एवं मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जिनकी संख्या कम से कम 100 सुनिश्चित की जा रही है ।
एक दिवसीय कार्यशाला में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई :–
एफ.एल.एन. मिशन का परिचय, योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण, शिक्षार्थी को समझना, विद्या प्रवेश, बालवाटिका, माता-पिता और समुदाय की भागीदारी, अंग्रेजी और हिंदी में मूलभूत साक्षरता, अपेक्षित क्षमताएं और सीखने के परिणाम, कक्षावार रूब्रिक, बहुभाषी शिक्षण, केवी कक्षा में गतिविधियों का प्रदर्शन, बुनियादी अंकगणित, अपेक्षित क्षमताएं और सीखने के परिणाम, कक्षावार रूब्रिक, केवी कक्षा में गतिविधियों का प्रदर्शन, सुझाव और इनपुट ।
इन बिंदुओं पर कार्यशाला के लिये कुल 4 सत्र रखा गया । प्रत्येक सत्र के आखिर में प्रतिभागियों द्वारा समूह गतिविधि में अनुभवात्मक शिक्षा, कला एकीकृत शिक्षा, खिलौना और कठपुतली आधारित शिक्षाशास्त्र, खेल एकीकृत शिक्षा, कहानी कहने आदि को शामिल किया गया है ।
कार्यशाला में आमंत्रित समस्त लोगों की भागीदारी काफी उत्साहजनक रही ।