झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी.राधाकृष्णन ने आज सरायकेला-खरसावाँ जिला के ईटाकुदर गाँव जाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया।
उन्होंने कहा कि वे झारखंड के कई सुदूरवर्ती गाँवों में दौरा कर चुकें है और कई सफल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों से संवाद भी किया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अब स्वयं सहायता समूह महिलाओं की दशा एवं दिशा बदलने के लिए सामाजिक क्रांति का रूप ले चुका है।
संवाद के क्रम में गाँव के मुखिया ने बताया कि उस गाँव के आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। मुखिया ने कहा कि वहाँ के लोगों को मनरेगा योजना का लाभ के साथ विभिन्न आवास योजना के तहत आवास भी मिलता है।
सर्वजन पेंशन, 100 यूनिट फ्री बिजली, जल-नल योजनाओं, अन्य योजनाओं के द्वारा पंचायत में कार्य किये जा रहे हैं, आनेवाले समय में यह पंचायत आदर्श पंचायत होगा। संवाद के क्रम में काशीडीह टोला की एक महिला द्वारा अवगत कराया गया कि उनके टोला में पेयजल हेतु मात्र एक कुआं हैं, जो बहुत पुराना है और इससे लोगों की आवश्कता के अनुरूप जल प्राप्त नहीं हो पाता है।
राज्यपाल ने उपायुक्त को इस समस्या का निदान करने हेतु कहा। उपायुक्त ने उस महिला को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही संबंधित अभियंता उस टोला में जायेंगे और जल की समस्या को दूर करने हेतु समुचित रूपरेखा बनाएंगे।
एक अन्य ग्रामीण ने संवाद के क्रम में कहा कि मानीटोला गाँव में सड़क की आवश्यकता है। इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अथवा सरकार की अन्य योजना के माध्यम से की जायेगी। दूधी गाँव की एक महिला ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उनके जीवन में बदलाव आया है।
राज्यपाल द्वारा उक्त अवसर पर लाभुकों के मध्य परिसंपत्ति का वितरण भी किया गया।