झारखंड राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चो को गुणवत्तापूर्ण वैज्ञानिक शिक्षा देने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों, 325 आदर्श विद्यालयों, एवं 59 मॉडल स्कूलों में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस विज्ञान प्रयोगशालाएं (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) स्थापित की गयी है। 

मेट्रिक की परीक्षा के बाद बच्चो की विज्ञान संकाय के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए इन प्रयोगशालाओं को स्थापित किया गया है। स्कूली बच्चो के अंदर 'Aspiration, Exploraration and innovation' के भाव को विकसित करते हुए उनके भीतर वैज्ञानिक प्रतिभाओ के विकास और गुणवत्तापूर्ण वैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करना इसका लक्ष्य है। 

इसके तहत अत्याधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं की स्थापना से बच्चो के अंदर वैज्ञानिक शिक्षा के प्रति महत्वकांक्षा बढ़ने, अन्वेषण एवं नवाचार के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 539 प्रयोगशाला सहायको की नियुक्ति की गयी है। इन्हे लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इनका प्रशिक्षण अब अंतिम चरण में है। लैब मैनुअल तैयार कर सभी स्कूलों को भेज दिया गया है।

 

*लगातार हो रही है समीक्षा* 

 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्री अभिनव कुमार ने बताया कि इन अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाओं अथवा इनके कार्यान्वयन की राज्यस्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है। साथ ही विद्या समीक्षा केंद्र द्वारा भी इसकी समीक्षा की जा रही है। प्रत्येक विज्ञान प्रशालाओ के लिए योग्य प्रयोगशाला सहायक नियुक्त किये गए है। स्कूल के विज्ञान के शिक्षकों को इनका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। स्कूल में प्रतिदिन इन प्रयोगशाला सहायको को कम से कम एक प्रायोगिक कक्षा के संचालन का निर्देश दिया गया है। लापरवाही बरतने या कक्षा संचालन में ढिलाई बरतने वालो के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

*जे-गुरूजी पोर्टल पर अपलोड किये गए वीडियोस का समुचित उपयोग करना अनिवार्य* 

 विज्ञान प्रयोगशाला सहायको को निर्देशित किया गया है कि वे जे-गुरूजी पोर्टल पर अपलोड किये गए वैज्ञानिक शिक्षा से जुड़े 100 वीडियोस का समुचित उपयोग करते हुए बच्चो को विज्ञान की शिक्षा दे। साथ ही कक्षा 9 से 12वी तक के क्लासरूम के दीवारों पर तस्वीरें और सूचनागत कंटेंट प्रदर्शित की जाए, जिससे विज्ञान संकाय के बच्चो में वैज्ञानिक समझ विकसित हो। 

 *दूसरे चरण में 2700 उच्च विद्यालयों में बनेंगी विज्ञान प्रयोगशालाएं* 

 राज्य शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा दूसरे चरण में 2700 हाई स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के सुदूर इलाको के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चो में भी वैज्ञानिक कौशल का विकास हो और वे वैज्ञानिक अन्वेषण एवं नवाचार से लाभान्वित हो, इस उद्देश्य से राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा 2700 स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित करने को लेकर कवायद शुरू कर दी गयी है। 

जल्द ही इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया जाएगा। जिससे उच्च विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चो को भी इसका लाभ दिया जा सके।

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