वैश्विक स्तर पर " Together for a #PeriodFriendlyWorld" थीम के साथ मनाए गए विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2024 के अवसर पर, यूनिसेफ झारखंड ने आज रांची में एन.एस.एस. के सहयोग से मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एम.एच.एम.) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे प्रोत्साहित करने के लिए, तीस दिवसीय अभियान की शुरुआत की। यह अभियान "माहवारी परखुलकर करें सब बात, चुप्पी का ना ले साथ" शीर्षक के साथ शुरू किया गया।

प्रति वर्ष कि भाँति इस वर्ष भी यूनिसेफ झारखंड ने झारखंड सरकार, सी.आई.पी., रांची और अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।

अभियान के प्रथम दिवस उत्साहवर्धक तरीके से रांची विश्वविद्यालय एवं एन.एस.एस के 200 युवा लड़कियों और लड़कों द्वारा #RedDotChallenge में भाग लिया गया और रांची विश्वविद्यालय से मोराबादी के ऑक्सीजन पार्क तक रैली करते हुए पोस्टर और बैनर के माध्यम से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया गया। इस साल अभियान में पुरुषों को इस पहल में शामिल करने की महत्वता पर बल देते हुए, यह मुद्दे पर युवाओं और पुरुषों को संवेदनशील बनाने पर काम किया जाएगा।

"डॉ. ब्रजेश कुमार, राज्य एन.एस.एस. अधिकारी और एन.एस.एस कार्यक्रम समन्वयक, रांची विश्वविद्यालय, रांची, ने कहा, "समुदाय के जागरूकता और जनसंचार के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, साथ ही समुदाय में स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अभियान मासिक धर्म अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की महत्वता पर जोर देगा और युवाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के सक्रिय प्रचारक बनाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना के साथ संस्थापित किया जाएगा,"

यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ. कनीनिका  मित्र ने अभियान के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने कहा, "सही मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को सुनिश्चित करना सिर्फ स्वच्छता के बारे में नहीं है; यह महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करने और उनकी गरिमा को बढ़ाने के बारे में भी है। हमारे अभियान में किशोर लड़के और पुरुषों को शामिल करके, हम विशेष रूप से पुरुष वर्ग में मासिक धर्म के विषय पर जागरूकता फैलाने का लक्ष्य रखते हैं और एक सहायक वातावरण बनाने का संगठन करते हैं जहाँ सभी लोग मासिक स्वास्थ्य जरूरतों पर खुले मन से चर्चा कर सकें और इन्हें समझ सकें।"

उन्होंने आगे व्याख्या करते हुए कहा की, "हमारे अभियान के माध्यम से, हम समुदायों को ज्ञान और संसाधनों से सशक्त करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि मासिक धर्म महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा और कल्याण के लिए एक बाधा न बने। मासिक धर्म स्वच्छता को समग्रतः संबोधित करके, हम लिंग समानता को प्राप्त करने और सभी के लिए गरिमा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।"

इस आयोजन में वॉश विशेषज्ञ श्री कुमार प्रेमचंद, वॉश अधिकारी श्रीमती लक्ष्मी सक्सेना, कम्युनिकेशन विशेषज्ञ, अस्था अलंग और एनजीओ साथी भी मौजूद थे।

आइए, हम सभी मिलकर मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करें और मासिक स्वास्थ्य को जीवन का स्वाभाविक हिस्सा मानते हुए #PeriodFriendlyWorld की दिशा में आगे बढ़ें।

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