अपर पुलिस महानिदेशक आर. के. मल्लिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निदेशानुसार दीपावली के अवसर पर केवल रात्रि 8:00 बजे से 10:00 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति है । उन्होंने आम नागरिकों विशेषकर युवाओं से अपील किया कि अल्प उत्सर्जन वाले उन्नत एवं हरित पटाखों के उपयोग को प्राथमिकता दे जिससे ध्वनि एवं वायु प्रदूषण कम हो। वे आज सूचना भवन के सभागार में मिडिया को संबोधित कर रहे थे। 

मल्लिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निदेशानुसार वैसे पटाखे जिसके फोड़े जाने के बिंदु से 4 मीटर की दूरी तक 125 डेसीबल अथवा 145 डेसिबल उच्चतम से अधिक शोर उत्पन्न हो उसका उपयोग वर्जित है अतः इस तरह के पठाखों का इसतेमाल ना करें। यथासंभव समूह में पटाखे फोड़ने का प्रयास करें जिससे प्रदूशन कम होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के पटाखों का अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय अथवा कोई अन्य स्थान जो वैधानिक रूप से शांत क्षेत्र घोषित हो उसके 100 मीटर के क्षेत्र तक उपयोग वर्जित है। उन्होंने कहा कि लड़ी वाले पटाखों का उपयोग यथासंभव ना करें। उन्होंने कहा कि इन प्रवधानों का उल्लंघन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत दंडनीय है और इसे उच्चतम न्यायालय का अवमानना भी माना जायेगा।

मल्लिक ने कहा कि हम ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को कम करने हेतु वैधानिक प्रावधानों और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करें तथा पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए हर्ष एवं उल्लास के साथ इस पर्व को मनाए।

इस अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के अध्यक्ष ए.के. रस्तोगी ने बताया कि 1 नवम्बर से 14 नवम्बर तक रांची के 4 स्थानों पर एयर कॉव्यलीटी मोनेटरींग किया जा रहा है जिससे शहर में  दीपावली के अवसर पर कितना वायू प्रदूषण हो रहा है इसे मापा जा सके। एवं भविषय के लिये वायू प्रदूषण नियंत्रण हेतु उचीत कदम उठाये जा सके। राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने कहा कि पार्षद द्वारा रोजाना राज्य के प्रमुख शहरो के वायू प्रदूषण का माप किया जा रहा है । इससे प्रदूषण नियंत्रण में काफि सहयोग भी मील रही है।
 

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