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मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज भूमि विवाद से जुड़ी शिकायतों का निपटारा जिलों में कैंप लगाकर किया जाएगा। विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि नोडल पदाधिकारियों का निर्देश दिया गया कि ऐसे लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए उपायुक्त के स्तर पर विभिन्न जिलों में कैंप आयोजित करायें। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल और अपर सचिव रमाकांत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुल 20 मामलों की समीक्षा की।
कोडरमा जिले के चाराडीह मौजा में वर्ष 1951 में बसाये गये दर्जनों विस्थापित परिवारों को अब तक जमीन पर रैयती हक का पर्चा नहीं दिये जाने की शिकायत जनसंवाद में दर्ज करायी गयी थी। इसपर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वर्णवाल ने कोडरमा जिले के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के आलोक में विस्थापितों और शरणार्थियों को भूमि का पट्टा दिलवायें।
पूर्वी–सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखण्ड की बंकीसोल पंचायत व केंदुआ पंचायत में सबर जनजाति के कई लोगों को अब तक बिरसा आवास योजना के तहत आवास न मिलने की शिकायत पर ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के पास अपनी जमीन नहीं होने के कारण आवास नहीं दिया जा सका है। इनके लिए जमीन की बंदोबस्ती का कार्य करवाया जा रहा है और अगले वित्तीय वर्ष तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
खूंटी की शांति गुड़िया की 7 फरवरी 2013 को उग्रवादियों ने हत्या कर दी थी। मृतका के परिजन को सरकारी घोषणा के बावजूद अब तक नौकरी नहीं दिये जाने की शिकायत पर जिला के नोडल अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह में इनकी आश्रित पुत्री सुनीता गुड़िया को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा।
पाकुड़ के पिंटू मंडल की 29 दिसम्बर 2013 की सड़क हादसे में मृत्यु के उपरांत इनकी पत्नी आशा देवी को अब तक राष्ट्रीय पारिवारिक हितलाभ के तहत मुआवजा नहीं दिए जाने की शिकायत पर अपर सचिव ने जिला के नोडल अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया।
पर्यटन विभाग, हजारीबाग में कार्यरत के सूर्यदेव प्रसाद सिंह की अगस्त 2001 में मृत्यु के उपरांत इनकी पत्नी चंद्र प्रभा सिंह को जून 2007 तक पारिवारिक पेंशन का लाभ मिला। लेकिन, जुलाई 2007 के बाद से इन्हें पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पर्यटन विभाग के नोडल अधिकारी से इस संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि लाभुक की पेंशन इनके एसबीआई, हजारीबाग शाखा से बंद है तथा इस मामले में बैंक को पत्राचार भी किया गया है परंतु अब तक बैंक की ओर प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। मामले को 12 वर्ष से लंबित रखे जाने पर सरकार के अपर सचिव श्री रमाकांत सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह तो बैंक की लापरवाही है। उन्होंने इस मामले को अगली सीधी बात में रखने का निर्देश दिया।
बिरसा महली आदिवासी कल्याण आयोग, प्रोजेक्ट भवन, रांची में आदेशपाल के पद पर कार्यरत थे। जनवरी 2016 में सेवानिवृत्ति के पश्चात अब तक इन्हें पेंशन तथा अन्य देय लाभ का भुगतान नहीं किया गया है। इस बाबत पूछे जाने पर संबन्धित विभाग के अधिकारी ने जानकारी दी कि इनकी सेवाकाल के दौरान हुई प्रोन्नति में शैक्षिक योग्यता से संबन्धित कुछ अड़चन की वजह से देय लाभ का निर्धारण नहीं हो पाया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वित्त-विभाग के परामर्श अनुसार देय लाभ का निर्धारण कर लिया गया है और आश्वासन दिया कि एक माह के भीतर ही भुगतान कर दिया जाएगा।
रांची की 75 वर्षीया जगनी देवी की विधवा पेंशन अब तक शुरू नहीं किए जाने पर जिला के नोडल अधिकारी ने बताया कि एसडीओ को इस मामले में दिशा-निर्देश प्राप्त है और एक सप्ताह में इनकी पेंशन शुरू करा दी जाएगी। रांची के किशोर एक्का विधि आयोग, आड्रे हाउस में दैनिक कर्मी के तौर पर आदेशपाल पर कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को 36 माह का बकाया वेतन का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत पर प्रधान सचिव श्री वर्णवाल ने विभाग को एक सप्ताह में भुगतान कराने का आदेश दिया।
गिरिडीह के ऊत्क्रमित मध्य विध्यालय, अंगईया में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने की शिकायत पर अपर सचिव रमाकांत सिंह ने जिला के नोडल अधिकारी को मार्च से पहले हर हाल में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
जी॰ एस॰ सी॰ कॉलेज फॉर वीमेंस, जमशेदपुर में अनुसेवक पद कार्यरत भीम महतो की 20 नवंबर 1999 को कार्यावधि के दौरान इनकी मृत्यु हो गयी। तत्पश्चात 18 दिसंबर 2003 में इनकी पत्नी शकुंतला महतो की अनुकम्पा के आधार नौकरी की स्वीकृति की गई। लेकिन, अब तक इनकी सेवा नियमित नहीं की गयी है। समीक्षा में यह बात भी सामने आई कि शकुंतला को वर्तमान में दैनिक कर्मी के रूप कार्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल ने शकुंतला जी की सेवा नियमित नहीं किए जाने एवं विभाग की तरफ से जांच की सही रिपोर्ट नहीं दिये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों से मामले को टाला जा रहा है। श्री वर्णवाल ने विभाग के अधिकारी को मामले की पूरी रिपोर्ट के साथ अगली साप्ताहिक समीक्षा में तलब किया है।
चतरा के रामफल सिंह ने दक्षिणी वन प्रमंडल, चतरा के अंतर्गत अप्रैल 2012 से मार्च 2013 तक वन रोपण में मजदूर के रूप में कार्य किया था। कार्य के एवज में इन्हें अब तक भुगतान नहीं किए जाने पर सीएम में प्रधान सचिव ने काफी नाराज दिखे। श्री वर्णवाल ने मामले को अगली सीधी बात में रखने का निर्देश दिया।