शिक्षक प्रशिक्षित संघ ने बाबूलाल मरांडी को ज्ञापन सौंपा.

इस ज्ञापन में निम्न बातों को दर्शाया गया है :

जिसमें 2016 के बाद JTET ( Jharkhand Teacher Eligibility Test) परीक्षा का आयोजन नही हुआ है। अतः पड़ोसी राज्यों के तर्ज पर झारखण्ड में भी CTET ( Central Teacher Eligibility Test ) को JTET के समतुल्य मानते हुए आगामी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूली शिक्षक बहाली प्रक्रिया में CTET पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाय एवं शिक्षक बहाली प्रक्रिया से पूर्व जेटेट का एग्जाम हो। क्योंकि 2016 के बाद से अबतक लगभग *5 लाख अभ्यर्थी शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स* पूरी कर चुके हैं।

*शिक्षा के अधिकार अधिनियम में इस बात का भी उल्लेख है कि प्रत्येक वर्ष JTET की परीक्षा आयोजित होनी चाहिए,* किन्तु झारखण्ड के छात्रों का दुर्भाग्य है कि झारखण्ड राज्य अलग होने के बाद अब तक केवल 2 बार ही जेटेट की परीक्षा आयोजित हुई है।

अगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहिए तो पहले जेटेट एग्जाम होनी चाहिए और सीटेट पास अभ्यर्थी को भी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए।

इस मौके पर प्रशिक्षित शिक्षक संघ झारखंड के सदस्य महिपाल महतो , शैलेंद्र कुमार, हृदय नाथ, कैलाश कुमार, जयप्रकाश एवं राम सिंह जी मौजूद थे।

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