वारिस ही वारिस।आज रांची में रुक रुक कर लगातार तेज बारिश हो रही है। पूरी रांची ज़िला पानी से तर बतर हो गई है। इसका असर अब शहर के गली-मोल्ले से निकल कर जलाशयों में भी दिखने लगा है। पिछले कुछ बरसात से लगातार खाली रह जा रहा हटिया डैम इस बार खतरे के निशान के ऊपर पहुंचने के कगार पर है।

अगले एक से दो दिन में हटिया डैम के फटाक खोलने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति लगभग 15 साल बाद बन रही है। राजधानी रांची में इस दौरान 1018 MM बारिश अपेक्षित है, जबकि 1138 MM बारिश अभी तक हुई है। जुलाई में हटिया डैम का जलस्तर 22.6 फीट था। अगस्त में यह बढ़कर 32 फीट हो गया था। वहीं, 21 सितंबर तक यह बढ़कर 37 फीट पर पहुंच गया है। डैम में अधिकतम जल संग्रहण की क्षमता 39 फीट है। जलस्तर 38 फीट के पार पहुंचने पर स्पील वे फाटक खोलने पर विचार हो रहा है। वहीं, कांके डैम का फाटक इस बरसात में पहले ही एक बार खोला जा चुका है।

बुधवार सुबह से ही रांची में बारिश जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिम बंगाल के गंगा के दक्षिणी मैदानी क्षेत्र में चक्रवातीय क्षेत्र से जुड़ा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसका टर्फ लाइन झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों में देखने को मिल रहा है। इस कारण राज्य के मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य में मौसम की ऐसी हालत 25 सितंबर तक बने रहने की संभावना है।

इस महीने राज्य के सभी जिलों में औसत वर्षापात में सुधार आया है। राज्य में एक जून से लेकर 21 सितंबर तक 940 MM बारिश हुई है। अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में अभी तक मानसून की स्थिति बेहतर रही है। अभी तक राज्य में सबसे कम बारिश पाकुड़ और गुमला में दर्ज की गई है। दोनों जिलों में औसत बारिश से करीब 33% तक कम बारिश हुई है।

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