Jharkhand Chief Secretary RS Sharma today began reviewing the works of departments.

Sharma is slated to review all departments in the days to come.To begin with,he reviewed the works of the excise and registration.

Two press releases prepared by the public relations departments said as follows:

Excise:
झारखण्ड राज्य में उत्पाद विभााग का राजस्व अन्य राज्यों के तुलना में काफी कम है, जिसमें वृद्धि के लिए विभाग को अपनी कार्यों में पारदर्शिता एवं आधुनिकीकरण करना आवश्यक है। उत्पाद एवं मध-निषेध विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव श्री आर0एस0शर्मा ने कहा कि उत्पाद विभाग अन्य राज्यों में इस दिशा में किए गए कार्यों का अध्ययन कर एक कार्य योजना बनाएं तथा उसी अनुरूप राजस्व वृद्धि की दिशा में कार्य करें। इसके लिए उन्होंने विभाग में परमिट सिस्टम को आटोमेट करने, नए उत्पाद एक्ट का निर्माण, बिबरेज कारपोरेशन के कार्यप्रणाली में सुधार, रिक्त पदाें के विरूद्ध नियुकित, क्षमता विकास तथा वाहन की उपलब्धता को सुनिशिचत करने का निदेश दिया।

मुख्य सचिव ने उत्पाद एवं मध-निषेध विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि झारखण्ड में 1915 में निर्मित कानून पर ही कार्य किए जा रहें हैं, जिसमें संशोधन की नितांत आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने अन्य राज्यों में लागू कानून की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द कानून बनाने का निदेश दिया।

मुख्य सचिव ने परमिट को आनलार्इन करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विभाग राजस्व संग्रह का महत्वपूर्ण श्रोत हो सकता है। योजनाबद्ध एवं नीतिगत तरीके से राजस्व उगाही हेतु योजना बनार्इ जानी चाहिए। विभाग की कार्य प्रणाली में राजस्व संग्रह के दृषिटकोण से कहाँ पर कमी है उसे चिनिहत करते हुए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। कम्प्यूटरीकरण मात्र डाटा इन्ट्री ही न हो बलिक विभाग के कार्य प्रणाली के स्वचालन (आटोमार्इजेशन) का आधार हो।

परमिट के संबंध में उन्होंने कहा कि वाणिज्य-कर, परिवहन, खान एवं भूतत्व तथा उत्पाद एवं मध-निषेध के सिंगल विंडो सिस्टम होने चाहिए।बैठक में सचिव उत्पाद एवं मध-निषेध श्री सत्येन्द्र कुमार सिन्हा एवं विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपसिथत थे।

Registration:

राज्य में रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य को अधिकाधिक कम्प्यूटरार्इज करने पर बल देते हुए मुख्य सचिव श्री आर0एस0शर्मा ने कहा कि निबंधन विभाग का पोर्टल आम जनता के लिए अधिकाधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाया जाय। मुख्य सचिव आज प्रोजेक्ट भवन सिथत सभा-कक्ष में निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। निबंधन विभाग की वेब सार्इट र्इ0-निबंधन पोर्टल की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि वेब सार्इट पर आम व्यकित की पहुँच होनी चाहिए इस पर अधिकाधिक सूचनाएं उपलब्ध करार्इ जाए साथ ही सूचनाओं को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया जाए इसके लिए वेब सार्इट के होम पेज को आवश्यकतानुसार फिर से तैयार किए जाएं।

निबंधन विभाग द्वारा अब तक 1970 से 2005 तक के भूमि निबंधन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध है। उन्होंने 2005-2008 तक के भूमि दस्तावेजों को जल्द से जल्द वेब सार्इट पर अपलोड करने का निदेश दिया। किसी भी जमीन के खरीद के लिए उसकी सिथति, मालिकाना हक, जमीन की पूर्व खरीद-बिक्री की जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलावार, प्रखण्डवार एवं प्लाटवार सूची होनी चाहिए साथ ही भूमि पर निर्धारित स्टांप शुल्क, निर्धारित भूमि मूल्य एवं निबंधन शुल्क की सूची भी वेब सार्इट पर हो।

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मुख्य सचिव श्री शर्मा ने कहा कि वेब सार्इट इस रूप में डिजार्इन हो कि किसी भी डीड की प्रतिलिपि, इन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट के लिए आम जनता को रेकार्ड रूम न जाना पड़े। निर्धारित शुल्क का भुगतान कर वह अपना सर्टिफार्इट कापी प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि वेब सार्इट पर प्री-रजिस्ट्रेशन की सुविधा सुलभ होनी चाहिए। निबंधन कार्यालय में इन्पुट फार्म पर जो भी सूचनाएं देनी होती है वह आनलार्इन भरे जा सकें ताकि समय की बचत हो तथा कार्य सुविधाजनक बने। कार्यालय में डाटा की मिलान मूल प्रति से करा ली जाए।

परमिट के संबंध में उन्होंने कहा कि वाणिज्य-कर, परिवहन, खान एवं भूतत्व तथा उत्पाद एवं मध-निषेध के सिंगल विंडो सिस्टम होने चाहिए।
बैठक में सचिव उत्पाद एवं मध-निषेध श्री सत्येन्द्र कुमार सिन्हा एवं विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपसिथत थे।

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