Jharkhand Chief Minister Raghubar Das today pulled up the State Secretary(Education)Aradhana Patnaik and asked her why no file moved in her Department without any ‘backing'(Ji Hajuri).

Das put this blame on the IAS officer Patnaik during the state governent’s scheme-Sidhi Baat(Direct Talk with the people and the officers on issue of public interest),held inside the Suchna Bhawan in Ranchi on Tuesday.

During the Sidhi Baat programme,20 issues were reviewed and since these were raised by the people and action was not taken by the concerned officers,’enquiry’ was ordered by the CM.

The CM expressed his sense of annoyance against Patnailk and asked her why in the Education Department,files remained stuck.”Without the backing(Ji Hazjuri),it did not move.Change this work culture”,he told the Secretary.

The details of the Sidhi Baat programme were provided by the Information and Public Relations Department in Hindi.www.jharkhandstatenews.com is publishing the entire text in public interest.It is as follows:

ष्दरअसलए यह शिकायत आयी थी कि अल्पसंख्यक मध्य विद्यालयए कौम्बा ;गुमलाद्ध में बतौर शिक्षक लालचंद साहू की नियुक्ति 1 अगस्त 1991 को हुई थी। उन्हें वर्ष 2010 से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के निदेशक को भी सूचना दी गयीए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इस पर मुख्यमंत्री श्री दास ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए अविलंब वेतन भुगतान का आदेश दिया।

इसी प्रकार फरवरी 2010 में खाद्य निगम चाईबासा से विरमित हुए जॉनसन कुजूर का भी मामला आया। उनका कहना था कि उन्हें विभिन्न स्थानों पर योगदान कराया गयाए लेकिन कुल 52 माह का वेतन झारखंड राज्य खाद्य निगम के पास लंबित है। मुख्यमंत्री ने जब अधिकारियों से पूछा तोए जवाब मिला कि जॉनसन कुजूर पर 61 लाख रुपये के गबन का आरोप हैए इसलिए यह मामला अभी विचाराधीन है। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि ष्आखिर कब तक देख रहे हैं.दिखवा रहे हैंए जैसी बातें चलती रहेंगी।ष् निर्णय बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया कि वे शिकायतकर्ता से मिलें और उसकी समस्या पर अविलंब निर्णय लें
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साहिबगंज से शिकायतकर्ता शरीफ अंसारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगायी कि फुलभंगा गांव के आलम अंसारी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री श्री दास ने जिले के आरक्षी अधीक्षक से जवाब मांगाए तो बताया गया कि जिन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया हैए उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। मृतक पर बलात्कार का आरोप था। उसे पंचायत में प्रस्तुत किया गया था। उसके बाद से ही उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसने आत्महत्या कर लीए जिसके बाद परिजनों ने बलात्कार के पीड़ित पक्ष तथा पंचायत से जुड़े लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया। लेकिनए कोई सुबूत नहीं होने के कारण किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है। इस मामले में मुख्यमंत्री महोदय ने जिले के एसपी को खुद जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही शिकायतकर्ता को दो दिनों के बाद एसपी से मिलने की सलाह भी दी।

धनबाद से आयी कल्पना देवी ने बताया कि 3 अक्तूबरए 2015 की रात करीब 11रू00 बजे हरिजन बस्ती ;काली बस्तीद्ध स्थित उनके घर पर पुलिस द्वारा तोड़फोड़ की गयी। खिड़की तोड़कर अंदर जाकर महिलाओं से बदसलूकी की गयी और धक्का.मुक्की के दौरान कल्पना की गोद से 9 दिन का बच्चा जमीन पर गिर गया और अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थीए लेकिन पुलिस ने आज दूसरी बात कही। धनबाद एसपी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके बच्चे की गिरने से नहींए बल्कि अस्पताल में निमोनिया से मौत हुई थी। दो विरोधाभासी बातों के कारण मुख्यमंत्री श्री दास ने इस मामले की जांच डीआईजी स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश दिया।

कोडरमा से आये सुनील मंडल ने बताया कि एक सड़क दुर्घटना के शिकार एक बच्चे और उसकी मां को शॉल से ढंक कर अस्पताल पहुंचाने के कारण उन पर मुकदमा कर दिया गया। उनका कहना है कि वे मार्ग अवरुद्ध करने या वाहन जलाने की घटना में शामिल नहीं थे। दूसरी ओर धनबाद पुलिस ने कहा कि मामले की जांच में घटना सत्य पायी गयी है और चूंकि शिकायतकर्ता आरोपी हैंए इसलिए उनकी गिरफ्तारी होगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा की मामली की पुनः समीक्षा की जाये और किसी पर नाजायज कार्रवाई न हो।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इन मामलों में भी कार्रवाई करने का निदेश दिया।
ऽ बोकारो के जैना सब.डिवीजन में 80 बिजली कर्मियों को 17 माह से मानदेय नहीं मिला।
ऽ चतरा के हंटरगंज में अवैध रूप से क्रशर मशीन चलाने का आरोप।
ऽ अनवर अंसारी की जगह उसी नाम के दूसरे व्यक्ति को इंदिरा आवास आवंटित करने का आरोप।
ऽ देवघर के मोहनपुर में तालाब निर्माण में 2ण्5 मीटर की जगह 1ण्3 मीटर गड्ढा करने का आरोप।
ऽ गोड्डा में चालक की लापरवाही से हुई दुर्घटना में मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग।
ऽ हजारीबाग के पसाई गांव के राशन डीलर पर अनियमितता का आरोप।ष्

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मुख्यमंत्री ने आज जन संवाद केंद्र के नये वेबसाइट का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज सीधी बात कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र की नये वेबसाइट का लोकार्पण किया। इस वेबसाइट को नये सॉफ्टवेयर पर आधारित किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि जन संवाद केंद्र में 1 मई 2015 से लेकर अब तक 36822 मामले दर्ज हुए हैंए जिसमें से 16330 मामलों का निष्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि समाधान के मामले धीरे.धीरे बढ़ रहे हैं और जल्द ही आंकड़ों में और सुधार देखने को मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुनील बर्णवाल ने कहा कि रंदेंउअंकण्रींताींदकण्हवअण्पद के माध्यम से अब विश्व के किसी कोने से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। पूर्व में केंद्र सरकार के एकीकृत सॉफ्टवेयर ;सीपीग्रामद्ध में मामले ऑन लाइन दर्ज होते थेए जिसके चलते आंकड़ों के एकत्रीकरण में परेशानियां आती थीं। अब एक ही वेबसाइट के जरिये हर तरह की समस्या.शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

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मनीष की मां ने सीएम से कहा.धन्यवाद
रांचीः रातू स्थित विंघ्यवासिनी नगर निवासी संध्या देवी ने आज सीधी बात कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र के प्रयास से ही उनका बेटा घर वापस लौट आया है। संध्या देवी के साथ उनके बेटे प्रकाश ने भी मुख्यमंत्री महोदय से मिल कर उनके प्रति आभार जताया। दरअसलए दशरथ साव और संध्या देवी का पुत्र मनीष कुमार उर्फ गुल्ला इसी वर्ष 14 जुलाई को लापता हो गया था। उसके माता.पिता ने न्याय के हर दरवाजे पर दस्तक दीए लेकिन कहीं कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आयी। अंततः मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में शिकायत दर्ज कराने के बाद मनीष के अपहर्ताओं पर शिकंजा कसा और उन्होंने उसे मुक्त कर दिया।

मनीष की मां ;संध्या देवीद्ध कांठीटांड़ चौक पर फल बेचती हैंए जबकि पिता दशरथ राज मिस्त्री हैं। डेढ़ माह पूर्व इस मामले को लेकर संध्या देवी मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में आयीं। इसके बाद पुलिस ने ट्रक चालकों पर दबाव बनाना शुरू कियाए जिसका प्रतिफल यह हुआ कि मनीष को मुक्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने संध्या देवी और मनीष से कहा कि वह पढ़ाई पूरी करे और मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद जब वह बालिग हो जायेए तब किसी काम के लिए प्रशिक्षण ले। इसके साथ ही वह आगे की पढ़ाई भी जारी रखे। मुख्यमंत्री महोदय ने राज्यवासियों का आह्वान किया कि श्आधी रोटी खायेंए लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएंश्।

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