राँची के जे.के.इंटरनेशनल स्टेडियम में आज सैकड़ों युवा खिलाड़ियों को मस्तिष्क के संतुलन के लिए प्राणायाम और शारीरिक लोच के लिये विभिन्न प्रकार के योगाभ्यास कराये।

इन युवाओं को योग प्रशिक्षक रजनीश और योग अनुदेशक ओम सिंह ने प्रशिक्षण दिया। प्रातःकाल 5:30 से 6:30 तक की कक्षा में उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को योग की प्राचीनम विधियों और भारत के वैज्ञानिक मनीषियों के बारे में स्वामी मुक्तरथ जी ने विस्तार से बताया। 

उन्होंने कहा खेल से शारीरिक शौष्ठव की प्राप्ति होती है और योग से आन्तरिक चेतना जागृत होती साथ ही निरोगी काया की प्राप्ति होती है। खिलाड़ियों को अपने दिनचर्या में योग को समा हित करके चलना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ेगी,शरीर में कड़ापन दूर होगा और मन प्रसन्नचित्त रहेगा।

जेके इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन जितेन्द्र सिंह ने कहा योग हमारे देश की प्राचीनतम विधि है पूर्णतः वैज्ञानिक है।यह विद्या मनुष्य को न केबल स्वास्थ्य बल्कि उसके मनोदशा को चेंज कर सकता है। योग के जरिये ऋषि-मुनि और योगी लोग लम्बी आयु प्राप्त करते थे। आज के बिगड़ते मन को योग ही संतुलित कर सकता है।

जितेन्द्र सिंह और जेके के एकेडमिक डायरेक्टर व सासाराम स्कूल के प्राचार्य डॉ अभिमन्यु मिश्रा स्वामी मुक्तरथ जी का स्वागत किये तथा विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों के लिये लगातार मेडिटेशन और प्राणयाम कराने हेतू सहमति माँगे हैं।  अभिमन्यु मिश्रा जी ने कहा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवश पर जेके ग्रुप के सभी विद्यालय में पूरे उत्साह के साथ छात्र-छात्रायें, और शिक्षक योगोत्सव में भाग लेंगे।
 

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