केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सह जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सिमडेगा जिले में पूसा कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन किया। 

अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित इस किसान मेला को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए पूसा संस्थान के द्वारा लगातार बेहतर प्रयास किया रहा है। 

उन्होंने किसानों से नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। श्री मुंडा ने कहा कि बीज में रोग ना लगे इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। 

धान की फसल में पानी की कम खपत हो इसके लिए कैसे बीज तैयार किए जाएं इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विभिन्न संस्थानों के माध्यम से रिसर्च किए जा रहे हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को फसलों में रोग से बचाव के बारे में भी जानकारी मिलेगी। 

उन्होंने कहा कि आज किसान कल्याण मंत्रालय का बजट 1.25 लाख करोड़ किया गया है जो कि पिछली सरकारों के मुकाबले काफी ज्यादा है। 

देश भर के किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 6000 रुपये, नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी पहल, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार कृत संकल्प है। 

उन्होंने कहा कि सिमडेगा जिला को आदर्श जिला बनाना है। किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है जिससे वह सीधे कृषि मंत्रालय से जुड़कर नई तकनीकों का लाभ ले सकें। 

इस मौके पर श्रीमती विमला प्रधान, पूर्व मंत्री झारखंड सरकार, श्री निर्मल कुमार बेसरा पूर्व विधायक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह, डा. रवीन्द्र पडारिया, संयुक्त निदेशक, डा. एस. सी दुबे कुलपति बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, डा. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव प्रोद्यौगिकी अनुसंधान संस्थान, रांची, डा. विशाल नाथ समेत विभिन्न कृषि अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे। 

हरित क्रांति की जन्मस्थली और देश की अग्रणी कृषि अनुसंधान शिक्षा और प्रसार का संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली द्वारा सिमडेगा में आयोजित मेले के दौरान देश भर से विभिन्न कृषि संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केंद्र नवीन तकनीकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इस मेले की मुख्य विषय "कृषि उद्यमिता– समृद्ध किसान" है। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मूल्य संवर्धन और फसल विविधता पर चर्चा की जाएगी। मेले मे कृषक संगठन, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्टॉल भी लगाया गया है। पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा संगोष्ठी होगी जिससे किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

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