गैस पाइपलाइन, गैस के परिवहन का सबसे किफायती साधन है। गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के क्रम में, पूर्वी भारत के आवास और परिवहन क्षेत्र को जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन) के उपयोग से सस्ती गैस मिलेगी।

भारत के पूर्वी राज्यों में गैस पहुंचाने के लिए, जेएचबीडीपीएल बिछाने हेतु गेल को अधिकृत किया गया है। सरकार ने जेएचबीडीपीएल पाइपलाइन को पूरा करने के लिए 40% व्यावहारिक लागत-अंतर के रूप में 5176 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है।
पूर्वी राज्यों - बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गैस की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन तैयार है।

इसके अलावा, जेएचबीडीपीएल के एक हिस्से के रूप में, गेल बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन भी बिछा रहा है, जो उत्तर पूर्व गैस ग्रिड पाइपलाइन के लिए एक स्रोत पाइपलाइन के रूप में कार्य करेगी। सभी पूर्वोत्तर राज्यों को प्राकृतिक गैस स्रोत से जोड़ने और देश के सभी भागों में गैस की आपूर्ति के लिए, यह पाइपलाइन 60% व्यावहारिक लागत-अंतर के रूप में 5,559 करोड़ रुपये की निधि के साथ बिछायी जा रही है।

प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में फैले सभी भौगोलिक क्षेत्रों (90 प्रतिशत से अधिक) को तथा आगे भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को जोड़ेगी।

इस परियोजना के पूरा होने से, भारत का पूर्वोत्तर/पूर्वी भाग गैस आधारित अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग बन गया है, जिसके तहत ऊर्जा गंगा के माध्यम से गैस के सबसे सस्ते परिवहन और गैस मूल्य निर्धारण सुधारों से जुड़े दोहरे लाभ प्राप्त होंगे।

पीएनजीआरबी द्वारा हाल ही में अधिसूचित एकीकृत टैरिफ नियमों के अंतर्गत, पूर्वी हिस्से में सीजीडी जीए ज्यादातर तीसरे क्षेत्र में आते हैं, जिसमें पाइपलाइन टैरिफ को युक्तिसंगत  बनाया गया है। इससे परिवहन शुल्क में लगभग 50% की कमी आयेगी और यह 99.90 रुपये प्रति एमएमबीटीयू हो जाएगा।

हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने ओएनजीसी/ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों, नई अन्वेषण लाइसेंस नीति (एनईएलपी) ब्लॉकों और पूर्व-एनईएलपी ब्लॉकों से उत्पादित गैस के लिए संशोधित घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है, जहां उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) में सरकार द्वारा कीमतों की मंजूरी का प्रावधान है। 

ऐसी प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10% होगी और इसे मासिक आधार पर अधिसूचित किया जाएगा। ओएनजीसी/ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत में एक न्यूनतम और उच्चतम सीमा होगी। इसके परिणामस्वरूप, एपीएम/एनएपीएम गैस की कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से घटकर 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो गई है।

इन सुधारों से घरों में आपूर्ति की जाने वाली पाइप प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और परिवहन के लिए संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आएगी। कीमतों में हुई कमी से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को भी सहायता मिलेगी।

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