रांची:जनजातीय छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुए, श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने पश्चिमी सिंहभूम में तांतनगर, मंझारी और नोवामुंडी में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया। 

इस मौके सोमवार के दिन उन्होंने कहा कि नोवामुंडी एकलव्य विद्यालय का उद्घाटन करना मेरे लिए गौरव का क्षण है। “आज का दिन हमारे बच्चों की मुस्कान को, उनके उज्जवल भविष्य को और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए कदम को समर्पित है।”

उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आदिवासी युवाओं की शिक्षा और कौशल पर विशेष बल दे रही है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की परिकल्पना जनजातीय प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए की गयी है, ताकि प्रतिभाशाली जनजातीय बच्चे फीस न देने के आभाव में शिक्षा से वंचित न रहें। 

हमारा लक्ष्य, देशभर में ऐसे लगभग साढ़े 740 स्कूल खोलने का है, जिसमें 3.5 लाख जनजातीय छात्रों को उनके अपने वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। वर्तमान में 402 ईएमआरएस पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं जिसमें 1,21,640 आदिवासी छात्र छात्राएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहें हैं । 

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हम अगले 3 वर्षों में देश के एकलव्य विद्यालयों के लिए 38 हज़ार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति कर रहें हैं। 2 फ़रवरी 2024 को प्रधानमंत्री जी द्वारा रोजगार मेले में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के 10,000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं | अत्याधुनिक पद्धति से शिक्षण की व्यवस्था करने के लिए देश के 175 एकलव्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित किए जा रहे हैं। 

जहां 2013-14 में कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या 34,365 थी की तुलना में 2023-2024 में कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या 1,32,275 हो गई है जो लगभग   3.5 गुना की वृद्धि है । कार्यशील एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संख्या 2013-14 में 119 के तुलना में 2023-24 में 402 हो गई है जो लगभग 3 गुना से अधिक की वृद्धि है । 

इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री बी.एन प्रसाद, श्रीमती मीरा मुंडा, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।

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